सबसे पहले ये जानना चाहिए कि जैविक खेती क्या है. दरअसल, यह खेती की वो पद्धति है जिसमें पर्यावरण के प्राकृतिक संतुलन को कायम रखते हुए भूमि, जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना दीर्घकालीन व स्थिर उत्पादन प्राप्त किया जाता है. इस पद्धति में रसायनों का उपयोग कम से कम होता है.
जैविक खेती के फायदे
जैविक खेती रसायनिक कृषि की अपेक्षा सस्ती, स्वावलम्बी एवं स्थाई है. इसमें मिट्टी को एक जीवित माध्यम माना गया है. भूमि का आहार जीवांश होता है. जीवांश गोबर, पौधों व जीवों के अवशेष आदि को खाद के रूप में भूमि को प्राप्त होते हैं. जीवांश खादों के प्रयोग से पौधों के समस्त पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं. साथ ही इनके प्रयोग से उगाई गयी फसलों पर बीमारियों एवं कीटों का प्रकोप बहुत कम होता है, जिससे हानिकारण रसायन, कीटनाशकों के छिड़काव की आवश्यकता नहीं रह जाती है.
इसका परिणाम यह होता है कि फसलें पूर्ण रूप से रसायन मुक्त और स्वस्थ होती हैं. जीवांश खाद के प्रयोग से उत्पादित खाद्य पदार्थ अधिक स्वादिष्ट, पोषक-तत्वों से भरपूर एवं रसायनों से मुक्त होते हैं.
जैविक खेती के लिए जीवांश जैसे गोबर की खाद (नैडप विधि), वर्मी कम्पोस्ट, जैव उर्वरक एवं हरी खाद का प्रयोग भूमि में किया जाना आवश्यक है.